देख कर कुर्ते गले में सब्ज़ धानी आप की
देख कर कुर्ते गले में सब्ज़ धानी आप की धान के भी खेत ने अब आन मानी आप की क्या तअज्जुब है अगर देखे तो मुर्दा जी उठे चैन नेफ़ा की ढलक पेड़ू पे आनी आप की हम तो क्या हैं दिल फ़रिश्तों का भी काफ़िर छीन ले टुक झलक दिखला के फिर अंगिया छुपानी आप की आ पड़ी दो-सौ बरस के मुर्दा-ए-बे-जाँ में जान जिस के ऊपर दो घड़ी हो मेहरबानी आप की इक लिपट कुश्ती की हम से भी तो कर देखो ज़रा हाँ भला हम भी तो जानें पहलवानी आप की छल्ले ग़ैरों पास है वो ख़ातम-ए-ज़र ऐ निगार है हमारे पास भी अब तक निशानी आप की

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