चितवन दुरुस्त सीन बजा बातें ठीक-ठीक
चितवन दुरुस्त सीन बजा बातें ठीक-ठीक नाज़-ओ-अदा की उस में हैं सब बातें ठीक-ठीक क्या दिल को अच्छी लगती हैं इन ख़ुश-क़दों की आह ये प्यारी प्यारी बोलियाँ ये गातें ठीक-ठीक मुँह में तमांचे छाती में घूँसा कमर में लात क्या क्या हुईं ये मुझ पे इनायातें ठीक-ठीक मौक़ा से बोसा मौक़ा से गाली भी हम को दी की शोख़ ने ये दोनों मदारातें ठीक-ठीक जब दोस्ती में क़ौल के पूरे हों दोनों शख़्स होती हैं फिर तो क्या ही मुलाक़ातें ठीक-ठीक जब बन पड़ी तो शैख़-जी शैख़ी न मारें क्या हम से भी फिर तो होवें करामातें ठीक-ठीक सच है ब-क़ौल-ए-हज़रत-ए-सय्यद 'नज़ीर' आह बन आती हैं तो होती हैं सब बातें ठीक-ठीक

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