किताबों में बिल्ली ने बच्चे दिए हैं
किताबों मे बिल्ली ने बच्चे दिए हैं, ये बच्चे बड़े हो के अफ़सर बनेंगे । दरोगा बनेंगे किसी गाँव के ये, किसी शहर के ये कलक्टर बनेंगे । न चूहों की इनको ज़रूरत रहेगी , बड़े होटलों के मैनेजर बनेंगे । ये नेता बनेंगे औ’ भाषण करेंगे , किसी दिन विधायक, मिनिस्टर बनेंगे । वकालत करेंगे सताए हुओं की, बनेंगे ये जज औ’ बैरिस्टर बनेंगे । दलिद्दर कटेंगे हमारे - तुम्हारे, किसी कम्पनी के डिरेक्टर बनेंगे । खिलाऊँगा इनको मैं दूध और मलाई मेरे भाग्य के ये रजिस्टर बनेंगे ।

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