उस ना-ख़ुदा के ज़ुल्म ओ सितम हाए क्या करूँ
उस ना-ख़ुदा के ज़ुल्म ओ सितम हाए क्या करूँ कश्ती मिरी डुबोई है साहिल के आस-पास

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