शेर मेरे भी हैं पुर-दर्द व-लेकिन 'हसरत'
शेर मेरे भी हैं पुर-दर्द व-लेकिन 'हसरत' 'मीर' का शेवा-ए-गुफ़्तार कहाँ से लाऊँ

Read Next