बे-ज़बानी तर्जुमान-ए-शौक़ बेहद हो तो हो
बे-ज़बानी तर्जुमान-ए-शौक़ बेहद हो तो हो वर्ना पेश-ए-यार काम आती है तक़रीरें कहीं

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