उट्ठ गए गवांढों यार
उट्ठ गए गवांढों यार, रब्बा हुन की करीए ? उट्ठ गए हुन बहन्दे नाहीं,होया साथ त्यार, रब्बा हुन की करीए ? दाढ कलेजे बल बल उठदी, भड़के बिरहों नार, रब्बा हुन की करीए ? बुल्ल्हा शहु प्यारे बाझों रहे उरार ना पार, रब्बा हुन की करीए ?

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