से वणजारे आए नी माए, से वणजारे आए
से वणजारे आए नी माए, से वणजारे आए । लालां दा उह वनज करेंदे, होका आख सुणाए । लाल ने गहने सोने साथी, माए नाल लै जावां, सुण्या होका मैं दिल गुज़री, मैं भी लाल ल्यावां, इक ना इक कन्नां विच पा के, लोकां नूं दिखलावां, लोक जानन इह लालां वाले, लईआं मैं भरमाए । से वणजारे आए नी माए, से वणजारे आए । ओड़क जा खलोती उहनां ते, मैं मनों सधराईआं, भाई वे लालां वालिओ मैंं वी लाल लेवन नूं आईआं, उहनां भरे सन्दूक विखाले, मैनूं रीझां आईआं, वेखे लाल सुहाने सारे, इक तों इक सवाए । से वणजारे आए नी माए, से वणजारे आए । भाई वे लालां वाल्या वीरा इन्हां दा मुल्ल दसाईं, जे तूं आई हैं लाल खरीदन, धड़ तों सीस लहाईं, डम्ह कदी सूई दा ना सहआ, सिर किथों दिता जाई, लाज़म हो के मुड़ घर आई, पुच्छन गवांढी आए । से वणजारे आए नी माए, से वणजारे आए । तूं जो गई सैं लाल ख़रीदन, उच्ची अड्डी चाई नी, केहड़ा मुहरा ओथों रन्ने, तूं लै के घर आई नी, लाल सी भारे मैं सां हलकी, खाली कन्नी साई नी, भारा लाल अनमुल्ला ओथों, मैथों चुक्या ना जाए । से वणजारे आए नी माए, से वणजारे आए । कच्ची कच्च वेहाजन जाणां, लाल वेहाजन चल्ली, पल्ले खरच ना साख ना काई, हत्थों हारन चल्ली, मैं मोटी मुसटंडी दिस्सां, लाल नूं चारन चल्ली, जिस शाह ने मुल्ल लै के देणा, सो शाह मूंह ना लाए । से वणजारे आए नी माए, से वणजारे आए । गलियां दे विच फिरें दीवानी, नी कुड़ीए मुट्यारे, लाल चुगेंदी नाज़क होई, इह गल्ल कौन नितारे, जा मैं मुल्ल ओन्हां नूं पुच्छ्या, मुल्ल करन उह भारे, डम्ह सूई दा कदे ना खाधा, उह आखन सिर वारे, जेहड़ियां गईआं लाल वेहाजन, उहनां सीस लुहाए । से वणजारे आए नी माए, से वणजारे आए । लालां दा उह वनज करेंदे, होका आख सुणाए ।

Read Next