रोज़े हज्ज निमाज़ नी माए
रोज़े हज्ज निमाज़ नी माए, मैनूं पिया ने आण भुलाए । जां पिया दियां ख़बरां आईआं, मंतक नहव सभ्भे भुल्ल गईआं, उस अनहद तार वजाए, रोज़े हज्ज निमाज़ नी माए । जां पिया मेरे घर आया, भुल्ल गया मैनूं शर्हा वकाइआ, हर मुज़हर विच ऊहा दिसदा, अन्दर बाहर जलवा जिसदा, लोकां खबर ना काए, रोज़े हज्ज निमाज़ नी माए ।

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