रैन गई लटके (लुड़के) सभ तारे,
अब तो जाग मुसाफ़र प्यारे ।
आवागौन सराईं डेरे, साथ त्यार मुसाफर तेरे,
तैं ना सुण्यु कूच नगारे, अब तो जाग मुसाफ़र प्यारे ।
कर लै अज्ज करनी दा बेरा, बहुड़ ना होसी आवन तेरा,
साथी चलो चल्ल पुकारे, अब तो जाग मुसाफ़र प्यारे ।
क्या सरधन क्या निरधन पौड़े, आपने आपने देश को दौड़े,
लद्धा नाम लै ल्यो सभारे, अब तो जाग मुसाफ़र प्यारे ।
मोती चूनी पारस पासे, पास समुन्दर मरो प्यासे,
खोल्ह अक्खीं उट्ठ बहु भिकारे, अब तो जाग मुसाफ़र प्यारे ।
बुल्ल्हआ शौह दी पैरीं पड़ीए, ग़फ़लत छोड़ कुझ हीला करीए,
मिरग जतन बिन खेत उजाड़े, अब तो जाग मुसाफ़र प्यारे ।
रैन गई लटके (लुड़के) सभ तारे,
अब तो जाग मुसाफ़र प्यारे ।