अब लगन लगी किह करिए?
ना जी सकीए ते ना मरीए।
तुम सुनो हमारी बैना,
मोहे रात दिने नहीं चैना,
हुन पी बिन पलक ना सरीए।
अब लगन लगी किह करीए?
इह अगन बिरहों दी जारी,
कोई हमरी प्रीत निवारी,
बिन दरशन कैसे तरीए?
अब लगन लगी किह करीए?
बुल्ल्हे पई मुसीबत भारी,
कोई करो हमारी कारी,
इक अजेहे दुक्ख कैसे जरीए?
अब लगन लगी किह करीए?