मैनूं की होया क्यों मैनूं कमली कहन्दी हैं ।
मैनूं की होया हुन मैथों गई गवाती मैं ।
मैं विच वेखां तां मैं नहीं हुन्दी मैं विच दिसना एं मैं ।
मैनूं की होया हुन मैथों गई गवाती मैं ।
सिर तों पैर तीकर वी तूं हैं अन्दर बाहर हैं तूं ।
मैनूं की होया हुन मैथों गई गवाती मैं ।
छुट्ट पई उरारों पारों ना बेड़ी ना नैं ।
मैनूं की होया हुन मैथों गई गवाती मैं ।
मनसूर प्यारे केहा अनलहक्क कहो कहाइआ कैं ।
मैनूं की होया हुन मैथों गई गवाती मैं ।
बुल्ल्हा शहु ओसे दा आशक आपना आप वंजाइआ तैं ।
मैनूं की होया हुन मैथों गई गवाती मैं ।