मैं चूहरेटड़ी आं सच्चे साहब दी सरकारों
मैं चूहरेटड़ी आं सच्चे साहब दी सरकारों । ध्यान की छज्जली गिआन का कूड़ा काम क्रोध नित्त झाड़ूं, मैं चूहरेटड़ी आं सच्चे साहब दी सरकारों । काज़ी जाने हाकम जाने फारग-ख़ती बेगारों, दिने रात मैं एहो मंगदी दूर ना कर दरबारों, मैं चूहरेटड़ी आं सच्चे साहब दी सरकारों । तुद्ध बाझों मेरा होर ना कोई कैं वल्ल करूं पुकारों, बुल्ल्हा शहु इनायत करके बखरा मिले दीदारों, मैं चूहरेटड़ी आं सच्चे साहब दी सरकारों ।

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