कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े
नित मत्तीं देंदी मां धिया, क्यों फिरनी एं ऐवें आ धिया, नी शरम हया ना गवा धिया, तूं कदी तां समझ नदान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । चरख़ा मुफत तेरे हत्थ आया, पल्ल्युं नहींउं खोल्ह गवाइआ, नहीउं कदर मेहनत दा पाइआ, जद होया कंम आसान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । चरख़ा बण्या ख़ातर तेरी, खेडन दी कर हिरस थुरेड़ी, होना नहीउं होर वडेरी, मत कर कोई अगिआन कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । चरख़ा तेरा रंग रंगीला, रीस करेंदा सभ कबीला, चलदे चारे कर लै हीला, हो घर दे विच आवादान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । इस चरख़े दी कीमत भारी, तूं की जाने कदर गवारी, उच्ची नज़र फिरें हंकारी, विच आपने शान गुमान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । मैं कूकां कर खलियां बाहीं, ना हो ग़ाफ़ल समझ कदाईं, ऐसा चरख़ा घड़ना नाहीं. फेर किसे तरखान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । इह चरख़ा तूं क्यों गवाया, क्यों तूं खेह दे विच रुलाया, जद दा हत्थ तेरे विच आया, तूं कदे ना डाहआ आण कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । नित्त मतीं द्यां वलल्ली नूं, इस भोली कमली झल्ली नूं, जद पवेगा वख़त इकल्ली नूं, तद हाए हाए करसी जान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । मुढों दी तूं रिज़क वेहूणी, गोहड़्युं ना तूं कत्ती पूणी, हुन क्यों फिरनी एं निंमोझूणी, किस दा करें गुमान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । ना तक्कला रास करावें तूं, ना बायड़ माल्ह पवावें तूं, क्यों घड़ी मुड़ी चरख़ा चावें तूं, तूं करनी एं आपना ज़्यान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । डिंगा तक्कला रास करा लै, नाल शताबी बायड़ पवा लै, ज्युं कर वगे तिवें वगा लै, मत कर कोई अगिआन कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । अज्ज घर विच नवीं कपाह कुड़े, तूं झब झब वेलना डाह कुड़े, रूं वेल पिंजावन जाह कुड़े, मुड़ कल्ल्ह ना तेरा जान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । जद रूं पंजा लिआवेंगी, सईआं विच पूणियां पावेंगी, मुड़ आप ही पई भावेंगी, विच सारे जग्ग जहान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । तेरे नाल दियां सभ सईआं ने, कत्त पूणियां सभना लईआं ने, तैनूं बैठी नूं पिछों पईआं ने, क्यों बैठी एं हुन हैरान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । दीवा आपने पास जगावीं, कत्त कत्त सूत भड़ोली पावीं, अक्खीं विचों रात लंघावीं, औखी करके जान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । राज पेका दिन चार कुड़े, ना खेडो खेड गुज़ार कुड़े, ना हो वेहली कर कार कुड़े, घर बार ना कर वीरान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । तूं सुत्यां रैन गुज़ार नहीं, मुड़ आउना दूजी वार नहीं, फिर बहना एस भंडार नहीं, विच इको जेडे हान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । तूं सदा ना पेके रहना एं, ना पास अम्बड़ी दे बहना एं, भा अंत विछोड़ा सहना एं, वस्स पएंगी सस्स ननान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । कत्त लै नी कुझ कता लै नी, हुन तानी तन्द उना लै नी, तूं आपना दाज रंगा लै नी, तूं तद होवें परधान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । जद घर बेगाने जावेंगी, मुड़ वत्त ना ओथों आवेंगी, ओथे जा के पछोतावेंगी, कुझ अगदों कर सम्यान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । अज्ज ऐडा तेरा कंम कुड़े, क्यों होई एं बे-ग़म कुड़े , कीकर लैना उस दंम कुड़े, जद घर आए महमान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । जद सभ सईआं टुर जाणगियां, फिर ओथे मूल ना आउणगियां, आ चरख़े मूल ना डाहुणगियां, तेरा त्रिंञन प्या वीरान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । कर मान ना हुसन जवानी दा, परदेस ना रहन सैलानी दा, कोई दुनियां झूठी फ़ानी दा, ना रहसी नाम निशान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े । इक औखा वेला आवेगा, सभ साक सैन भज्ज जावेगा, कर मदत पार लंघावेगा, उह बुल्ल्हे दा सुलतान कुड़े । कर कत्तन वल्ल ध्यान कुड़े ।

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