कदी आ मिल यार प्यारिआ
कदी आ मिल यार प्यारिआ । तेरियां वाटां तों सिर वारिआ । चढ़ बागीं कोइल कूकदी, नित सोज़-इ-अलम दे फूकदी, मैनूं ततड़ी को शाम विसारिआ । कदी आ मिल यार प्यारिआ । बुल्ल्हा शहु कदी घर आवसी, मेरी बलदी भा बुझावसी, उहदी वाटां तों सिर वारिआ । कदी आ मिल यार प्यारिआ । तेरियां वाटां तों सिर वारिआ ।

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