कदी आ मिल बिरहों सताई नूं
इश्क लग्गे तां है है कूकें, तूं की जाने पीड़ पराई नूं । कदी आ मिल बिरहों सताई नूं । जे कोई इश्क वेहाज्या लोड़े, सिर देवे पहले साईं नूं । कदी आ मिल बिरहों सताई नूं । अमलां वालियां लंघ लंघ गईआं, साडियां लज्जां माही नूं । कदी आ मिल बिरहों सताई नूं । ग़म दे वहन सितम दियां कांगां, किसे कयर कप्पर विच पाई नूं । कदी आ मिल बिरहों सताई नूं । मां प्यु छड्ड सईआं मैं भुल्लियां, बलेहारी राम दुहाई नूं । कदी आ मिल बिरहों सताई नूं ।

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