हुण किस थीं आप छुपाईदा
किते मुल्लां हो बुलेंदे हो, किते सुन्नत फ़रज़ दसेंदे हो, किते राम दुहाई देंदे हो, किते मत्थे तिलक लगाईदा । हुण किस थीं आप छुपाईदा । मैं मेरी है कि तेरी है, इह अंत भसम दी ढेरी है, इह ढेरी पिया ने घेरी है, ढेरी नूं नाच नचाईदा । हुण किस थीं आप छुपाईदा । किते बेसिर चौड़ां पाओगे, किते जोड़ इनसान हंढाओगे, किते आदम हवा बण आओगे, कदी मैथों वी भुल्ल जाईदा । हुण किस थीं आप छुपाईदा । बाहर ज़ाहर डेरा पायो, आपे ढों ढों ढोल बजायो, जग ते आपना आप जितायो, फिर अबदुल्ल दे घर धाईदा। हुण किस थीं आप छुपाईदा । जो भाल तुसाडी करदा है, मोयां तों अग्गे मरदा है, उह मोयां वी तैथों डरदा है, मत मोयां नूं मार कुहाईदा । हुण किस थीं आप छुपाईदा । बिन्दराबन में गऊआं चरावे, लंका चढ़ के नाद वजावे, मक्के दा बण हाजी आवे, वाह वाह रंग वटाईदा । हुण किस थीं आप छुपाईदा । मनसूर तुसां ते आया ए तुसां सूली पकड़ चढ़ाइआ ए, मेरा भाई बाबल जाइआ ए दियो खून बहा मेरे भाई दा । हुण किस थीं आप छुपाईदा । तुसीं सभनीं भेसीं थींदे हो, आपे मद आपे पींदे हो, मैनूं हर जा तुसीं दसींदे हो, आपे आप को आप चुकाईदा । हुण किस थीं आप छुपाईदा । हुण पास तुसाडे वस्सांगी, ना बेदिल हो के नस्सांगी, सभ भेत तुसाडे दस्सांगी, क्यों मैनूं अंग ना लाईदा । हुण किस थीं आप छुपाईदा । वाह जिस पर करम अवेहा है, तहकीक उह वी तैं जेहा है, सच्च सही रवायत एहा है, तेरी नज़र मेहर तर जाईदा । हुण किस थीं आप छुपाईदा । विच भांबड़ बाग़ लवाईदा, जेहड़ा विचों आप वखाईदा, जां अलफों अहद बणाईदा, तां बातन क्या बतलाईदा । हुण किस थीं आप छुपाईदा । बेली अल्लाह वाली मालक हो, तुसीं आपे आपने सालक हो, आपे ख़लकत आप ख़ालक हो, आपे अमर मअरूफ़ कराईदा । हुण किस थीं आप छुपाईदा । किधरे चोर हो किधरे काज़ी हो, किते मम्बर ते बह वाअज़ी हो, किते तेग़ बहादर ग़ाज़ी हो, आपे आपणा कटक चढ़ाईदा । हुण किस थीं आप छुपाईदा । आपे यूसफ़ कैद करायो, यूनस मच्छली तों निगलायो, साबर कीड़े घत्त बहायो, फेर उहनां तख़त चढ़ाईदा । हुण किस थीं आप छुपाईदा । बुल्ल्हा शौह हुण सही सिंञाते हो, हर सूरत नाल पछाते हो, किते आते हो किते जाते हो, हुण मैथों भुल्ल ना जाईदा । हुण किस थीं आप छुपाईदा ।

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