आँसुओं की माला
कलेजे मैंने देखे हैं। टटोले जी मैंने कितने। काम सबने रस से रक्खा। मिले मिलने वाले जितने।1। सुनी मीठी मीठी बातें। चाव बहुतों में दिखलाया। मिले सुन्दर मुखड़े वाले। प्यार सच्चा किस में पाया।2। सुखों की चाहें हैं सब में। नहीं मतलब किस को प्यारा। आँख में बसने वाले हैं। कौन है आँखों का तारा।3। रूप के भूखे दिखलाये। मिला मुखड़ों का दीवाना। किसी ने कब सच्चे जी से। किसी के दुख को दुख माना।4। इसे मैं किसको पहनाऊँ। नहीं मिलता है दिल वाला। आँसुओं का मोती ले ले। बनाई क्यों मैंने माला।5।

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