कली
बच सकेगा नहीं भँवर से रस। आ महक को हवा उड़ा लेगी। पास पहुँच बनी ठनी तितली। पंखड़ी को मसल दगा देगी।1। छीन ले जायगी किरन छल से। ओस की बूँद से मिला मोती। फूलने का न नाम भी लेती। जो कली भेद जानती होती।2।

Read Next