यह कर्जे की चादर जितनी ओढ़ो उतनी कड़ी शीत है
पहले इतने बुरे नहीं थे तुम याने इससे अधिक सही थे तुम किन्तु सभी कुछ तुम्ही करोगे इस इच्छाने अथवा और किसी इच्छाने, आसपास के लोगोंने या रूस-चीन के चक्कर-टक्कर संयोगोंने तुम्हें देश की प्रतिभाओंसे दूर कर दिया तुम्हें बड़ी बातोंका ज्यादा मोह हो गया छोटी बातों से सम्पर्क खो गया धुनक-पींज कर, कात-बीन कर अपनी चादर खुद न बनाई बल्कि दूरसे कर्जे लेकर मंगाई और नतीजा चचा-भतीजा दोनों के कल्पनातीत है यह कर्जे की चादर जितनी ओढ़ो उतनी कड़ी शीत है।

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