आश्वस्त
हम रात-भर तैरेंगे और अगर डूब नहीं गए सवेरे तक तो कोई न कोई डोंगी छोटी या बड़ी कोई नौका फिर देगी हमें मौक़ा धरती पर पहुँचकर उठल-पुथल करने का !

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