नन्हे मेहमान
महमान मेरे नन्हे से ओ महमान! हम दोनों का मेल है तू ही, जग का जीवन-खेल है तू ही, नेह सींखचों जेल है तू ही, ओ अम्मा के राजदुलारे साजन की मुसकान। महमान मेरे नन्हे-से ओ महमान! माँ की सब तरुणाई वारी, ’उनकी’ लापरवाही वारी, नाना की धन-दौलत वारी, ओ गरीब के अमीर छोरे दुख सुख की पहचान। महमान मेरे नन्हे-से ओ महमान! हरियाले दो मन पर फूला, हम दो खम्भों पर तू झूला, अरे कौन-सा रस्ता भूला, नाना-सा धनवान, पिता-सा-- या होगा नादान! महमान मेरे नन्हे-से ओ महमान!

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