गति-दाता
जागृति के प्रलय-पुंज गति के गति-दाता। ऐ गुणेश ऐ गणेश ऐ महेश के निदेश श्वेत केश श्वेत वेश हिमगिरि-सा श्वेत देश, झर झर निर्झर, नगाधिराज के अशेष लेष! ऐ महान, ऐ सुजान, तांडव-पति-दिव्य-दान, तारक-त्रैलोक्य, क्रान्ति कारिणि मति-दाता। जागृति के प्रलय-पुंज गति के गति-दाता। तू ’तुलसी’ तु ही ’सूर’ हर ले क्षिति का गुरूर, तुझ में बोला ’रवीन्द्र’ ’तुकाराम’ के हुजूर ’मीरा’ के मनमोहन सहजो के नाथ-नाथ पायें तेरा ’प्रसाद’ कर ’कबीर, को सनाथ ’मैथिलि’ तेरी जबान ’हरि’ का तू मधुर गान तीर तू कमान तू मैं "लक्ष्य-बेध" गाता। जागृति के प्रलय-पुंज गति के गति-दाता।

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