अधिकार नहीं दोगे मुझको
आते-आते रह जाते हो--जाते-जाते दीख रहे, आँखे लाल दिखाते जाते, चित्त लुभाते दीख रहे, दीख रहे, पावनतर बनने की धुन के मतवाले-से, दीख रहे, करुणा-मन्दिर-से प्यारे देश निकाले-से, दोषी हूँ, क्या जीने का अधिकार नहीं दोगे मुझको, होने को बलिहार पदों का प्यार नहीं दोगे मुझको?

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