दुःसाहसी हेमंती फूल
लोहे और कंकरीट के जाल के बीच पत्तियाँ रंग बदल रही हैं। एक दुःसाहसी हेमन्ती फूल खिला हुआ है। मेरा युद्ध प्रकृति की सृष्टियों से नहीं मानव की अपसृष्टियों से है। शैतान केवल शैतान से लड़ सकता है। हम अपने अस्त्र चुन सकते हैं : अपना शत्रु नहीं। वह हमें चुना-चुनाया मिलता है।

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