खुले में खड़ा पेड़
भूल कर सवेरे देहात की सैर करने गया था वहाँ मैं ने देखा खुले में खड़ा पेड़। और लौट कर मैं ने घरवाली को डाँटा है, बच्ची को पीटा है : दफ्तर पहुँच कर बॉस पर कुढ़ूँगा और बड़े बॉस को भिचे दाँतों के बीच से सिसकारती गाली दूँगा। क्यों मेरी अकल मारी गयी थी कि मैं देहात में देखने गया खुले में खड़ा पेड़?

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