निमाड़: चैत
पेड़ अपनी-अपनी छाया को आतप से ओट देते चुप-चाप खड़े हैं। तपती हवा उन के पत्ते झराती जाती है। छाया को झरते पत्ते नहीं ढँकते, पत्तों को ही छाया छा लेती है।

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