डरौना
चिथड़े-चिथड़े टँगा डरौना खेत में ढलते दिन की लम्बी छाया छुई- कि बदला जीते प्रेत में। घिरी साँझ मैं गिरा अँधेरी खोह- यादें- लपका बटमारों का एक गिरोह! शरण वह प्रेत डरौना चिथड़े-चिथड़े।

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