सड़क के किनारे गुलाब
बेमंज़िल सड़क के किनारे एकाएक गुलाब की झाड़ी। व्याख्या नहीं, सफाई नहीं-निपट गुलाब। बेमंजिल शनिवारी सैरगाड़ी में मैं। कोई अर्थ नहीं, सम्बन्ध नहीं-निपट मैं। कितनी निर्व्याज, अजटिल होती हैं स्थितियाँ जिन में प्यार जन्म लेता है!

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