क्यों कि मैं
क्यों कि मैं यह नहीं कह सकता कि मुझे उस आदमी से कुछ नहीं है जिस की आँखों के आगे उस की लम्बी भूख से बढ़ी हुई तिल्ली एक गहरी मटमैली पीली झिल्ली-सी छा गयी है, और जिसे इस लिए चाँदनी से कुछ नहीं है, इस लिए मैं नहीं कह सकता कि मुझे चाँदनी से कुछ नहीं है। क्यों कि मैं, उसे जानता हूँ जिस ने पेड़ के पत्ते खाये हैं, और जो उस की जड़ की लकड़ी भी खा सकता है क्यों कि उसे जीवन की प्यास है; क्यों कि वह मुझे प्यारा है इस लिए मैं पेड़ की जड़ को या लकड़ी को अनदेखा नहीं करता बल्कि पत्ती को प्यार भर करता हूँ और करूँगा। क्यों कि जिस ने कोड़ा खाया है वह मेरा भाई है क्यों कि यों उस की मार से मैं भी तिलमिला उठा हूँ, इस लिए मैं उस के साथ नहीं चीखा-चिल्लाया हूँ : मैं उस कोड़े को छीन कर तोड़ दूँगा। मैं इनसान हूँ और इनसान वह अपमान नहीं सहता। क्यों कि जो कोड़ा मारने उठाएगा। वह रोगी है, आत्मघाती है, इस लिए उसे सँभालने, सुधारने, राह पर लाने, ख़ुद अपने से बचाने की जवाबदेही मुझ पर आती है। मैं उस का पड़ोसी हूँ : उस के साथ नहीं रहता।

Read Next