प्रार्थना का एक प्रकार
कितने पक्षियों की मिली-जुली चहचहाट में से अलग गूँज जाती हुई एक पुकार : मुखड़ों-मुखौटों की कितनी घनी भीड़ों में सहसा उभर आता एक अलग चेहरा : रूपों, वासनाओं, उमंगों, भावों, बेबसियों का उमड़ता एक ज्वार जिस में निथरती है एक माँग, एक नाम- क्या यह भी है प्रार्थना का एक प्रकार?

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