विज्ञप्ति
फूल को प्यार करो पर झरे तो झर जाने दो, जीवन का रस लो : देह-मन-आत्मा की रसना से पर जो मरे उसे मर जाने दो। जरा है भुजा तितीर्षा की : मत बनो बाधा- जिजीविषु को तर जाने दो। आसक्ति नहीं, आनन्द है सम्पूर्ण व्यक्ति की अभिव्यक्ति : मरूँ मैं, किन्तु मुझे घोषित यह कर जाने दो।

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