सो रहा है झोंप
सो रहा है झोंप अँधियाला नदी की जाँघ पर : डाह से सिहरी हुई यह चाँदनी चोर पैरों से उझक कर झाँक जाती है। प्रस्फुटन के दो क्षणों का मोल शेफाली विजन की धूल पर चुपचाप अपने मुग्ध प्राणों से अजाने आँक जाती है।

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