आगंतुक
आँख ने देखा पर वाणी ने बखाना नहीं। भावना से छुआ पर मन ने पहचाना नहीं। राह मैं ने बहुत दिन देखी, तुम उस पर से आये भी, गये भी, -कदाचित्, कई बार- पर हुआ घर आना नहीं।

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