मैं तुम्हारा प्रतिभू हूँ
मेरे आह्वान से अगर प्रेत जागते हैं, मेरे सगो, मेरे भाइयो, तो तुम चौंकते क्यों हो? मुझे दोष क्यों देते हो? वे तुम्हारे ही तो प्रेत हैं तुम्हें किसने कहा था, मेरे भाइयो, कि तुम अधूरे और अतृप्त मर जाओ? मैं तुम्हारे साथ जिया हूँ, तुम्हारे साथ मैं ने कष्ट पाया है, यातनाएँ सही हैं, किन्तु तुम्हारे साथ मैं मरा नहीं हूँ क्योंकि तुम ने तुम्हारा शेष कष्ट भोगने के लिए मुझे चुना : मैं अपने ही नहीं, तुम्हारे भी सलीब का वाहक हूँ जिस के आसपास तुम्हारे प्रेत मँडराते हैं और मेरे उस प्रयास पर चौंकते हैं जिसे उन्होंने अधूरा छोड़ दिया था। पर डरो मत, मैं मरूँगा नहीं क्योंकि मैं अधूरा नहीं मरूँगा, अतृप्त नहीं मरूँगा। तुम मर कर प्रेत हो सकते हो क्यों कि तुम अपने हो, मैं नहीं मर सकता क्यों कि मैं तुम्हारा हूँ, मैं प्रतिभू हूँ, मैं प्रतिनिधि हूँ, मैं सन्देशवाहक हूँ मैं सम्पूर्णता की ओर उठा हुआ तुम्हारा दुर्दमनीय हाथ हूँ। मैं तुम्हें उलाहना नहीं देता क्यों कि तुम मेरे भाई हो पर बोलो, मेरे भाईयो, मेरे सगो, तुम अधूरे और अतृप्त क्यों मर गये जब कि मैं तुम्हारे भी अधूरेपन और अतृप्ति को ले कर जी सका हूँ और तुम्हारी पूर्णता और तृप्ति के लिए जीता रह सकूँगा? मेरे आह्वान से अगर प्रेत जगते हैं तो चौंको मत, पहचानो कि वे तुम्हारे प्रेत हैं : उन्हें अपलक देख सकोगे तो पहचानोगे और जानोगे कि तुम भी अभी मरे नहीं हो, कि पाप ने तुम्हें अभिभूत किया है, जड़ किया है, पर तुम्हारी आत्मा क्षरित नहीं हुई है। अपने प्रेत के साथ हाथ मिला कर तुम उस विकिरित शक्ति को फिर सम्पुंजित कर सकोगे : वही संजीवन है वही सम्पृक्ति है वही मुक्ति है। मेरे भाइयो, मेरे सगो, मेरे आह्वान से चौंको मत, मैं तुम्हारा प्रतिभू हूँ मुझ में जिस दायित्व का तुमने न्यास किया था उस से मुझे मुक्त करो, और मेरे साथ मुक्त हो जाओ, मेरे भाइयो!

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