शब्द
किसी को शब्द हैं कंकड़ : कूट लो, पीस लो, छान लो, डिबियों में डाल दो थोड़ी-सी सुगन्ध दे के कभी किसी मेले के रेले में कुंकुम के नाम पर निकाल दो। किसी को शब्द हैं सीपियाँ : लाखों का उलट-फेर, कभी एक मोती मिल जाएगा : दूसरे सराहेंगे-डाह भी करेंगे कोई पारखी स्वयं को मान पाएगा। किसी को शब्द हैं नैवेद्य। थोड़ा-सा प्रसादवत्, मुदित, विभोर वह पाता है। उसी में कृतार्थ, धन्य, सभी को लुटाता है अपना हृदय वह प्रेममय।

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