सोया नींद में, जागा सपने में
सोया था मैं नींद में को एकाएक सपने में गया जाग : सपना आग का लपलपाती ग्रसती हँसती समाधि की विभोर आग। फिसलता हुआ धीरे-धीरे गिरा फिर सुते हुए, ठंडे जागने में। आग शान्त, रक्षित, सँजोयी हुई- और भी कई आगों के साथ सोयी हुई। पहले भी तो जागा हूँ ऐसे, सपने में: जलते हुए समाधिस्थ अपने में; फिसल कर गिरने को जागने की नींद में; आगें सब सुँती हुई, ठंडी, सोई हुई, और भी पुरानी कई आगों के साथ ही सँजोयी हुई- खोयी हुई!

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