नदी का बहना
देर तक देखा हम ने नदी का बहना। पर नहीं आया हमें कुछ भी कहना। फिर उठे हम, मुड़े चलने को; तब नैन मिले, हुए मानो जलने को; एक को जो कहना था दूसरे ने सुन लिया : ‘किसी भविष्य में नहीं, पिया! न ही अतीत में कहीं, तुम अनन्त काल तक इसी वर्तमान में रहना!’

Read Next