सागर मुद्रा - 10
हाँ, लेकिन तुम्हारा अविराम आन्दोलन शान्ति है, ध्रुव आस्था है, सनातन की ललकार है; जब कि धरती की एकरूप निश्चलता जड़ता में उस सब का निरन्तर हाहाकार है। जो मर जाएगा, जो बिना कुछ पाये, बिना जाने अपने को बिना पहचाने बिखर जाएगा!

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