जैसे जब से तारा देखा
क्या दिया-लिया? जैसे जब तारा देखा सद्यःउदित —शुक्र, स्वाति, लुब्धक— कभी क्षण-भर यह बिसर गया मैं मिट्टी हूँ; जब से प्यार किया, जब भी उभरा यह बोध कि तुम प्रिय हो— सद्यःसाक्षात् हुआ— सहसा देने के अहंकार पाने की ईहा से होने के अपनेपन (एकाकीपन!) से उबर गया। जब-जब यों भूला, धुल कर मंज कर एकाकी से एक हुआ। जिया।

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