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रँग गई पग-पग धन्य धरा
रँग गई पग-पग धन्य धरा
Nirala
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Hindi
रँग गई पग-पग धन्य धरा,--- हुई जग जगमग मनोहरा । वर्ण गन्ध धर, मधु मरन्द भर, तरु-उर की अरुणिमा तरुणतर खुली रूप - कलियों में पर भर स्तर स्तर सुपरिसरा । गूँज उठा पिक-पावन पंचम खग-कुल-कलरव मृदुल मनोरम, सुख के भय काँपती प्रणय-क्लम वन श्री चारुतरा ।
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Last edited by
Chhotaladka
August 10, 2016
Added by
Chhotaladka
June 19, 2016
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