ओस में भीगी हुई
ओस में भीगी हुई अमराईयों को चूमता झूमता आता मलय का एक झोंका सर्द काँपती-मन की मुँदी मासूम कलियाँ काँपतीं और ख़ुशबू सा बिखर जाता हृदय का दर्द!

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