तप्त माथे पर
तप्त माथे पर, नजर में बादलों को साध कर रख दिये तुमने सरल संगीत से निर्मित अधर आरती के दीपकों की झिलमिलाती छाँह में बाँसुरी रखी हुई ज्यों भागवत के पृष्ठ पर

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