भारत भाग्य विधाता
ख़ून-पसीना किया बाप ने एक, जुटाई फीस आँख निकल आई पढ़-पढ़के, नम्बर पाए तीस शिक्षा मंत्री ने सिनेट से कहा--"अजी शाबाश ! सोना हो जाता हराम यदि ज़्यादा होते पास" फेल पुत्र का पिता दुखी है, सिर धुनती है माता जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता
1953

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