नहीं आया जहाँ कोई नृत्य करने
नहीं आया जहाँ कोई नृत्य करने, वहाँ आओ काल की गहराइयों में मुक्त होकर प्यार करने। नहीं आया जहाँ कोई दीप धरने वहाँ आओ मौन तम की घाटियों में ज्योति की झंकार भरने।

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