राजनीति
राजनीति नंगी औरत है कई साल से जो यूरुप में आलिंगन के अंधे भूखे कई शक्तिशाली गुंडों को देश-देश के जो स्वामी हैं जो महान सेनाएँ रखते जो अजेय अपने को कहते ऐसा पागल लड़वाती है आबादी में बम गिरते हैं; दल की दल निर्दोषी जनता गिनती में लाखों मरती है; नष्ट सभ्यता हो जाती है- कभी किसी के, कभी किसी के, गले झूलकर मुसकाती है। हार-जीत के इस किलोल से संधि नहीं होने देती है॥

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