वास्तव में
पंचवर्षी योजना की रीढ़ ऋण की शृंखला है, पेट भारतवर्ष का है और चाकू डालरी है। संधियाँ व्यापार की अपमान की कटु ग्रंथियाँ हैं हाथ युग के सारथी हैं, भाग्य-रेखा चाकरी है॥

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