अखबार
कल का अखबार हूँ मैं आज का नहीं इतिहास के पेट में पड़ा हूँ मैं आज के बोध से दूर भविष्य के बोध से बहुत दूर छप चुका हूँ मैं पढ़ चुके हैं लोग आज का अखबार दूसरा अखबार है

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