न मारौ नजरिया
हमका न मारौ नजरिया! ऊँची अटरिया माँ बैठी रहौ तुम, राजा की ओढ़े चुनरिया। वेवेल के संगे माँ घूमौ झमाझम, हमका बिसारे गुजरिया॥ संगी-सँहाती तबलचिन का लै के, द्याखौ बिदेसी बजरिया। गावौ, बजावौ, मजे माँ बितावौ, ऐसी न अइहै उमरिया॥ राजा के हिरदय से हिरदय मिलावौ करती रहौ रँगरलियाँ। हमका पियारा है भारत हमारा, तुमका पियारा फिरँगिया॥ हमका न मारौ नजरिया!

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