बीच में
चलते-चलते भी न चलकर थक गया दिमाग, पाँव की यात्रा पर गए पाँव न थके विवेक हो गया बैठ गया दूध गंतव्य के पहले ही बीच में एक जगह झाड़-झंखाड़ में फँस गई राजनीति फँसी चिड़िया उड़ नहीं पाती।

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